जब एक सभ्य समाज का पढ़ा लिखा इंसान ऐसा उदाहरण देगा, तो आप गरीब वर्ग व अनपढ़ समाज से कैसे विकास, देशहित और सौहार्दपूर्ण व्यवहार की उम्मीद कर सकते हैं। अभी तो यह तबका दो वक्त की रोटी के लिए लड़ रहा है,
ये कैसे समझ पायेगा सड़क पर चलने के नियम, तौर-तरीकों, सम्मान। एक बड़े स्तर पर
देश नैतिक पतन की और बढ़ चुका है। सहारा बनिए अपने समाज का.....
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