"पुलिस का कोई ऑफिसर हमसे पूछ रहा था कि और कहाँ कहाँ बम फोड़ने का प्लान है? कौन से आतंकवादी संगठन से जुड़े हो?तो कोई पूछ रहा था कि इससे पहले कहाँ कहाँ बम फोडे है। अफजल को फांसी दिलाने का सारा सपना चूर-चूर होता दीख रहा था....."
आज सुबह उठकर जब आमतौर पर अपने लैपटॉप को खोला तो पहले मन किया की आज जनोक्ति के लेखों को पढ़ लिया जाए। पिछले कुछ दिनों से व्यस्तता के कारन में अपना ब्लॉग ही Update नहीं कर पाया।
तो सबसे पहले जो लेख मिला, उसे पढ़कर दिल गदगद हो उठा, तो लगा आज एक और मोती जनोक्ति की सीप से बाहर निकला है। व्यंग और देशभक्ति से परिपूर्ण एक लेख जो चाहता हूँ आप ख़ुद ही पढ़े और करें की किस प्रकार लेखक "नविन त्यागी" ने अपने भाव प्रकट किए हैं।
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अभिनव सारस्वत
Saturday, October 31, 2009
Tuesday, October 27, 2009
Naxals block Bhubaneswar-Delhi Rajdhani Express in West Midnapore
भुबनेश्वर-दिल्ली एक्सप्रेस को रोकना एक साहसपूर्ण कदम हैं पश्चिम बंगाल के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों के द्वारा, अगर संविधान की दृष्टि से देखा जाए तो साफ़ तौर पर यह एक वर्ग विशेष की देश की सरकार के विरूद्व चेतावनी है।
आज हम केवल आतंकवाद से ही नहीं अपितु प्रत्येक राज्य में भिन्न भिन्न समस्यों से ग्रसित हैं, चाहे वह माओवादी, नक्सली, कश्मीरी आतंकवाद, उत्तर प्रदेश का माफियाराज, हो या बिहार के अपहरण, हिन्दी भाषी व अन्य भाषाओ का भेद है, दक्षिण भारतीय लोगों का भारत न लिखकर South India लिखना, पश्चिम बंगाल से गोरखालैंड की मांग आदि... आख़िर एक हिन्दुस्तानी चाहता क्या है...
अभिनव सारस्वत
आज हम केवल आतंकवाद से ही नहीं अपितु प्रत्येक राज्य में भिन्न भिन्न समस्यों से ग्रसित हैं, चाहे वह माओवादी, नक्सली, कश्मीरी आतंकवाद, उत्तर प्रदेश का माफियाराज, हो या बिहार के अपहरण, हिन्दी भाषी व अन्य भाषाओ का भेद है, दक्षिण भारतीय लोगों का भारत न लिखकर South India लिखना, पश्चिम बंगाल से गोरखालैंड की मांग आदि... आख़िर एक हिन्दुस्तानी चाहता क्या है...
अभिनव सारस्वत
Thursday, October 22, 2009
National Language: Delhi Development Authority
हिंदू राष्ट्र, हिन्दी भाषी -
अब क्या कह सकते हैं इस विषय में अपना ही सिक्का खोटा है। अपनी भाषा लिखने में गलती, चलो मान भी लिया जाए की लिखने वाला शक्स अनपढ़ था, तो इसे लगाने की अनुमति देने वाले किस वक्त की तनख्वाह ले रहे थे। मौका है आपके लिए राष्ट्रीय राजधानी के तीन सर्वश्रेष्ठ भ्रष्ट विभागों में से एक से साक्षात्कार का...
अभिनव सारस्वत
Wednesday, October 21, 2009
zebra crossing
Wednesday, October 14, 2009
Wednesday, October 7, 2009
travel . transport . tax
एक अदद कॉमनवेल्थ खेलों की आवश्यकता अन्य राज्यों को भी है ताकि राज्य सरकार, केन्द्र सरकार एवं अन्तराष्ट्रीय संगठन भी मानव विकास, मानवाधिकारों के हनन और दैनिक जीवन की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित कर सके।
उत्तर प्रदेश स्थित कृष्ण जन्मस्थली मथुरा जहाँ पूरे भारतवर्ष से ही नहीं, अपितु पूरे विश्व से श्रद्धालुगण प्रत्येक वर्ष आते हैं और भ्रमण के लिए मथुरा शहर ही नहीं, गोकुल, बरसाना, वृन्दावन, नंदगाँव, कोकिलावन, बलदेव तथा अन्य एतिहासिक गाँव भी जाते हैं, साथ ही अन्य प्रमुख स्थल जैसे चौरासी खम्बा, रमन रेती आदि है।
मुख्य समस्याएं - सड़कों का विकास, बिजली की अनिमियतता, पंडा लोगों का मन्दिर में आमिर वर्ग को वरीयता देना, मथुरा जिले के निवासियों का आने वाले श्रधालुओं के प्रति अभद्र व्यवहार आदि है। यह भी सर्वविदित है की उत्तर प्रदेश की आय एवं व्यापार का एक बड़ा हिस्सा मथुरा जिले से आता है।
सरकार को इस समस्या के लिए कड़े कदम उठाने होंगे और साथ ही ध्यान रखना होगा मथुरा के सौंदर्य एवं साधारण जीवन शैली का जो आज भी समस्त विश्व के लोगो का आकर्षण है।
अभिनव सारस्वत
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