हिंदू राष्ट्र, हिन्दी भाषी -
अब क्या कह सकते हैं इस विषय में अपना ही सिक्का खोटा है। अपनी भाषा लिखने
में गलती, चलो मान भी लिया जाए की लिखने वाला शक्स अनपढ़ था, तो इसे लगाने की अनुमति देने वाले किस वक्त की तनख्वाह ले रहे थे। मौका है आपके लिए राष्ट्रीय राजधानी के तीन सर्वश्रेष्ठ भ्रष्ट विभागों में से एक से साक्षात्कार का...
अभिनव सारस्वत
No comments:
Post a Comment