Monday, November 30, 2009

Friday, November 27, 2009

Saturday, November 21, 2009

a day with children having sixth sense...

बाल दिवस पर हम सब इन तारों से मिले, जिनके पास थी इच्छाशक्ति और मुझे लगता है यह सबसे बड़ी ताकत है किसी व्यक्ति विशेष के लिए, इन बच्चो ने हमसे बातें की, हमें भजन सुनाये, फिल्मी कलाकारों की नक़ल की जो बहुत ही आनंद देने वाली थी। एक बच्चे से मैंने पूछा तो उसने बताया की मई की छुट्टी में नानी के यहाँ टीवी पर फ़िल्म देखकर ही इतना सबकुछ याद हो गया, काश सारा देश नेत्रहीन होता तो आज हम सब बलिदान त्याग और अपना हक याद रख पाते।

Wednesday, November 11, 2009

Delhi ready for 2010 with Tobaco/ Masala


जब सड़कों पर स्टील के नए चमकते इन boards को देखा तो लगा 2010 तक तो अपने दिल्ली की किस्मत ही बदल ही जायेगी।

लेकिन ये क्या अचानक से इन boards पर पान मसाला/तम्बाकू का प्रचार देख कर तो मेरे होश ही उड़ गए। कहाँ गए वह सरकारी दावे लगता सब धरे के धरे रह गए, ना तो किसी तरह का कोई कर (TAX) छोडा जा रहा है न ही किसी प्रकार का धन जो सरकारी खजाने में इस प्रकार के प्रचार से एकत्र होता है।

आज दोपहर इंडिया गेट पर अपनी आंखों से दिल्ली पुलिस को 100-100 के गांधीजी (रिश्वत) लेते देखा वैसे भी वह ब्लू लाइन बस सर्विस वालों से महिना था, जो देना ही पड़ता है, अब मैंने फोटो तो खींच लिया, पर दिल नहीं माना की धप्पा पर लगा दिया जाए। क्योंकि वह भी किसी का पिता या पति है ऑर मेरा जमीर गंवारा नहीं हुआ की मैं लगा दूँ।

अभिनव सारस्वत

Wednesday, November 4, 2009

BIGG BOSS












बिग
बॉस के घर में अब तक आपने ज़िन्दगी के अनेक रंगों को देखा चाहे वह पूनम जी जैसे साफ़ और स्वछंद जीवन का उदहारण हो या तनाज़ की दिमागी कसरत, जहाँ एक और मर्दानगी की मिसाल कमाल रशीद खान के अपशब्द हो या मस्ती के मीठे पल राजू श्रीवास्तव के साथ हो।

यहाँ सभी बिग बॉस की TRP भुनाने में लगे हैं, एक और Google News, या भारत वर्ष का Media, खबरों के नाम से जाने वाले समाचार पत्र (news papers) हो या लोगों की गपशप, सभी में आजकल बिग बॉस का तड़का मिलाया जा रहा है, वहीँ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information & Broadcasting) ने बिग बॉस को आदेश जारी किये की बिग बॉस में दिखाई जाए वाली सामग्री टेलिविज़न पर प्रसारण के योग्य नहीं है अर्थात अपशब्दों का प्रयोग एवं नग्नता कानूनी नियमो का उल्लंघन करती हैंयह एक सही कदम है जो आवश्यक है

काश पूरा देखे जाने पर उसके सही पहलू पर गौर किया जाता, कार्यक्रम रोहित के द्वारा की गई अनदेखी को बिग बॉस ने स्वयं सुधारने का आदेश दिया और अंत में एक सामाजिक संदेश (Moral) भी सुनाया गया, जिस पर शायद बहुत कम लोगो ने गौर किया होगा - "वर्षो से मनुष्य को यह समझाने का प्रयत्न किया जा रहा है की जुबान से निकले कुछ ग़लत शब्द रात की नींद और दिन का चैन मिटा देते हैं पर मनुष्य है ऑर उसकी फितरत जो बदलती नहीं।"

अभिनव सारस्वत

Monday, November 2, 2009

इतना तो चलता है | अब करें भी तो क्या

एक और धप्पा :
मेरे सहयोगी श्रवण कुमार के कैमरे से एक और सशक्त धप्पा, अब आप ही अपना निर्णय दीजिये की हिन्दी एवं अंग्रेजी के बीच कितना फासला है।