Wednesday, November 11, 2009

Delhi ready for 2010 with Tobaco/ Masala


जब सड़कों पर स्टील के नए चमकते इन boards को देखा तो लगा 2010 तक तो अपने दिल्ली की किस्मत ही बदल ही जायेगी।

लेकिन ये क्या अचानक से इन boards पर पान मसाला/तम्बाकू का प्रचार देख कर तो मेरे होश ही उड़ गए। कहाँ गए वह सरकारी दावे लगता सब धरे के धरे रह गए, ना तो किसी तरह का कोई कर (TAX) छोडा जा रहा है न ही किसी प्रकार का धन जो सरकारी खजाने में इस प्रकार के प्रचार से एकत्र होता है।

आज दोपहर इंडिया गेट पर अपनी आंखों से दिल्ली पुलिस को 100-100 के गांधीजी (रिश्वत) लेते देखा वैसे भी वह ब्लू लाइन बस सर्विस वालों से महिना था, जो देना ही पड़ता है, अब मैंने फोटो तो खींच लिया, पर दिल नहीं माना की धप्पा पर लगा दिया जाए। क्योंकि वह भी किसी का पिता या पति है ऑर मेरा जमीर गंवारा नहीं हुआ की मैं लगा दूँ।

अभिनव सारस्वत

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