Thursday, August 12, 2010

रात के मुसाफिर या आज के भस्मासुर ...

2 comments:

  1. शराब चीज़ ही ऐसी है,जब हावी हो जाये तो,बोर्ड क्या आदमी तक नहीं दिखाई देते| पैसा ही इतना है,सब कुछ संभल जाता है पैसे से?

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  2. ab ye bechara kabhi khada nahi ho paayega shayad :(

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