Friday, December 10, 2010

शहीदों का सम्मान करो !!

सरकार का कैप्टन कोहली की मौत की फिर जांच से इनकार :

18 राष्ट्रीय रायफल्स के कैप्टन सुमित कोहली की रहस्यमय हालत में हुई मृत्यु पर फिर जांच से सरकार ने मना कर दिया | 30 अप्रैल 2006 को कैप्टन कोहली की गोली लगी लाश, उनके कमरे (आर्मी बैरक) में मिली थी | कोहली को मृत्यु से मात्र दो महीने पहले ही देश का तीसरा सबसे बड़ा पुरस्कार शौर्य चक्र मिला था | कोहली की माँ ने सेना पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा है की सुमित ने आत्महत्या नहीं की थी, उसका क़त्ल हुआ है | आगे कैप्टन की माँ कहती है की "सुमित सेना में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर बहुत ज्यादा डिप्रेशन में था और बार बार मुझ से कहता था की माँ तुम नहीं जनती हो की सेना में कितना भ्रष्टाचार है", और ये ही राज़ सुमित की मौत का कारण बन गया | यहाँ सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाने की जगह कैप्टन कोहली की मौत पर दोबारा जांच को ही मना कर दिया गया | कैप्टन कोहली की बहन ने कहा है की पहले जांच का भरोसा देने के बाद आज रक्षा मंत्री एंटनी, लोकसभा में सुमित की कोहली की मौत की जांच की बात को सिरे से नकार गए, जो ये दर्शाता है की कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है जिसे रक्षा मंत्री और अन्य लोग छिपा रहे है | हमें समझ नहीं आता की कब तक ऐसे वीर पूत जो सेना में भर्ती होते है और लड़ते है अपने देश के लिए अपनी जान की परवाह किये बगैर तो क्यों उनको सम्मान नहीं दिया जाता है | ऐसा क्या इतना बड़ा राज़ था की जिसे सामने लाने से रक्षा मंत्री भी डर रहे है ? सेना से जुड़े कुछ लोग दबी जबान में ये भी मानते है कारगिल युद्ध में कुछ भारतीय सेना के अधिकारियों ने दुश्मन देश की चंद पैसों के लिए मदद कर, अपने ही जवानों की जान को खतरे में डाल दिया था, और वो कारगिल में हो रही इस घुसपैठ कर जानते थे और अपनी ही सेना को गुमराह कर रहे थे ? क्या देश के हर कोने में हो रहे भ्रष्टाचार से, अब सेना भी अछूती नहीं रही है ? क्या सेना ईमानदारी का ये ईनाम मिलता है की, जवान को उसकी मौत के बाद भी सम्मान और न्याय नहीं मिलता है ? आदर्श सोसाईटी घोटाले में भी सेना के बड़े अधिकारियों का नाम सामने आया था | सेना का इस तरह भ्रष्टाचार में शामिल पाया जाना आम जनता के लिए धक्का है, और सेना की छवि पर एक न छूटने वाला कलंक |

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